सीतामढ़ी का ओलीपुर दशकों से है विकास से अछूता: आत्मनिर्भर सेना के प्रयासों से जल्द शुरू होगा ओलीपुर में सड़क निर्माण का कार्य
| Updated: Dec 17, 2021 | Category: Blog

सीतामढ़ी का ओलीपुर दशकों से है विकास से अछूता: आत्मनिर्भर सेना के प्रयासों से जल्द शुरू होगा ओलीपुर में सड़क निर्माण का कार्य

एक सड़क दो या अधिक स्थानों के बीच एक पहचान मार्ग, रास्ता या पथ है। सड़कें आमतौर पर सहज यात्रा और यातायात के लिए तैयार की जाती है। सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड में एक ऐसा गांव भी है , जहां आजादी के सात दशक बाद भी पक्की सड़क नहीं है। हम बात कर रहे है ओलीपुर पंचायत के चक्की गांव की। यह गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। ओलीपुर में सड़क निर्माण ना होने के कारण आज भी इस गांव के लोगो को कच्चे रास्तों के माध्यम से आवागमन करने को विवश हैं। 

बिहार के सीतामढ़ी में स्थित ‘चक्की’ गांव कई दशकों से विकास से नावाक़िफ़ रहा है। आज भी यह गांव पक्की सड़क और पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं से विहीन है। बीते 16 वर्षों से ग्रामीणों ने गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किया है उन्होंने इस विषय में कई शिकायतें दी है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। सरकार ने ग्रामीण सड़क योजना के नाम से योजना शुरू की है बावजूद इसके आज तक इस गांव में सड़क निर्माण नहीं हुआ है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी और सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के बावजूद आज तक इस गांव को मुख्य सड़क से क्यों नहीं जोड़ा जा सका है। 

प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों तक की सडकें गड्ढा मुक्त होंगी। हर गांव हर वार्ड में पक्की गली , नाली होंगी हर जगह जल उपलब्ध कराकर पानी की  समस्या को दूर किया जाएगा। बिहार सरकार के इस दावे के बाद भी बिहार के ग्रामीण इलाको में सड़कों की तस्वीर नहीं बदली है। हर गांव हर वार्ड में कहानी लगभग एक जैसी है कहीं अधूरे निर्माण तो कहीं बड़े-बड़े गड्ढे जो निरंतर यातायात और आवागमन को प्रभावित कर रहे है। 

बिहार में विकास की बात करें तो सबसे पहले हमारे दिमाग में बेहतर सड़क की तस्वीर ही आती है। जिस राज्य में बेहतर सड़क और पुल ही नहीं वहां विकास का हर दावा झूठा साबित होता है। समस्या यह है की प्रशासन केवल शहरी इलाकों और मुख्य सड़कों के निर्माण पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है लेकिन ग्रामीण स्तर पर सड़कों की मरम्मत और निर्माण को लगातार अनदेखी कर रही है। ग्रामीण इलाकों में या तो पक्की सड़कें है ही नहीं या जो हैं भी उनमें से अधिकतम सड़के मरम्मत और निर्माण के अभाव में गड्ढे में तब्दील हो गई है, इस कारण यहाँ के लोगो को इस मार्ग से आवागमन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और क्षतिग्रस्त सड़क पर चलने से कई बार लोगों के वाहन भी जबाव दे देते है। 

ग्रामीणों ने खुद ही जमींन खरीदकर किया ओलीपुर में सड़क निर्माण का प्रयास 

प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही ना होने पर ग्रामीणों ने खुद अपनी समस्या को सुलझाने का प्रयास किया। ओलीपुर निवासियों ने खुद जमींन खरीदकर सड़क निर्माण का प्रयास किया है। लेकिन वो भी कुछ केवल 5-6 महीने ही चल पाया था। लोगों का कहना है की अति पिछड़ी आबादी होने के कारण पंचायत के इस भाग को हमेशा विकास की मुख्य दिशा से दूर रखा गया। 

क्या कहते हैं ग्रामीण 

ओलीपुर गांव के वासियों का कहना है की ग्रामीण इलाकों में सड़क ना होने के कारण उन्हें अक्सर कई तरह की परेशानियों का सामना  करना पड़ता है खासकर बरसात रास्तों का बुरा हाल रहता है। बारिश में जलजमाव के कारण वाहनों का निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। अक्सर ग्रामीण इन सब परेशानियों से जूझते रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है की गांव को सड़क से जोड़ने के लिए उन्होंने कई बार प्रशासन के सामने शिकायत दी हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। बरसात के मौसम में कीचड़ और पानी में 3-4 किलोमीटर की दूरी तय करके दूसरे पंचायत तक जाना पड़ता हैं, इसकी मुख्य वजह नदी के बीच एक भी पुल नहीं होना है।

आत्मनिर्भर सेना के संस्थापक नरेंद्र कुमार ने सरकार तक पहुंचाई ग्रामीणों की समस्या 

जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार अनदेखी करने के कारण ओलीपुर में सड़क निर्माण का कार्य दशकों से लंबित पड़ा हुआ है। चक्की गांव में ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए आत्मनिर्भर सेना के संस्थापक तथा हिन्दराइज फाउंडेशन के फाउंडर नरेंद्र कुमार जी ने गांव में सड़क व पुल का निर्माण कराने के सन्दर्भ में बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार से मुलाकात की। नरेंद्र कुमार जी ने ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार जी के सामने सड़क और पुल निर्माण की बात कही। नरेंद्र कुमार जी ने कहा की सीतामढ़ी जिला के अंतर्गत ओलीपुर पंचायत में स्थित चक्की गाँव में जल्द ही पुल और सड़क निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद है। नरेंद्र कुमार और उनकी संस्था आत्मनिर्भर सेना बिहार के हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास  कर रही है। 

ओलीपुर पंचायत को आत्मनिर्भर पंचायत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे: नरेंद्र कुमार 

आत्मनिर्भर सेना के संस्थापक तथा हिन्द राइज फाउंडेशन के फाउंडर नरेंद्र कुमार जी ने ग्रामीणों से कहा की ओलीपुर सरचिया पंचायत मेरी जन्मभूमि है। ओलीपुर पंचायत को आत्मनिर्भर पंचायत बनाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसीलिए हमने ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी और उससे सरकार तक पहुंचाने के प्रयास किया है। नरेंद्र कुमार जी ने कहा की जंग अभी जारी है उम्मीद है जल्द ही सरकार ओलीपुर में सड़क निर्माण पर काम करेगी। दरअसल ओलीपुर, सीतामढ़ी जिला के वार्ड संख्या 10 के चक्की को अब तक मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है। जिसका मुख्य कारण एक पुल है जिसका निर्माण आजादी के 75 वर्ष बाद भी यहाँ के जनप्रतिनिधि की अनदेखी के कारण आज तक लंबित पड़ा है। 

नरेंद्र कुमार ने चक्की गांव में सड़क निर्माण को लेकर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार जी से मुलाकात की। माननीय मंत्री जी ने नरेंद्र कुमार जी को भरोसा दिलाया की कुछ ही दिनो में कार्यवाही आरंभ की जायेगी। 

ओलीपुर को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए भी काम कर रही है नरेंद्र कुमार की संस्था 

आत्मनिर्भर सेना संस्था ने बिहार में हर गांव को स्मार्ट विलेज (Smart Village) बनाने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत हर गांव में पक्की सड़कें होंगी, रोजगार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, युवाओं तथा महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार तथा व्यवसाय स्थापना जैसी गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। आत्मनिर्भर सेना की पहल स्मार्ट विलेज (Smart Village) प्रोजेक्ट का उद्देश्य हर घर रोजगार मुहैया कराना है। नरेंद्र कुमार जी ने स्मार्ट विलेज की इस मुहीम की शुरुआत अपने पैतृक गांव ओलीपुर से शुरू की है। जिसके तहत उन्होंने ओलीपुर में सड़क निर्माण कराने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात की है इसके अलावा उन्होंने ओलीपुर में युवाओं को कौशल विकास ट्रेनिंग देने के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर की है।  स्मार्ट विलेज मुहिम के तहत नरेंद्र कुमार जी की संस्था आत्मनिर्भर सेना ने जिले में 100 बेड का अस्पताल भी शुरू किया गया है। आत्मनिर्भर सेना और हिन्दराइज फाउंडेशन के संस्थापक नरेंद्र कुमार जी का मानना है की विकास अगर पंचायत स्तर से शुरू होंगे तभी एक गांव और एक राज्य का विकास संभव हो पायेगा। 

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