आत्मनिर्भर सेना के दिशा निर्देशों पर सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के देबना बुजुर्ग पंचायत में 30 ग्रहणी महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक 15 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं को अगरबत्ती, पापड़, अदौरी, चिप्स, कपूर, मोमबत्ती आदि बनाने की विधि के बारे में बताया गया।
आत्मनिर्भर सेना ने अपने द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर पंचायत मुहिम के तहत इस प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की है। आत्मनिर्भर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जी का मानना है कि किसी भी पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे पहले यहाँ की महिलाओं का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। साथ ही वे कहते है की जल्द ही जिले के सभी पंचायतों में इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। माताओं और बहनों से निवेदन है की वे इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लें और लघु उद्योग स्थापित करके राज्य के विकास में अपना योगदान दे।
आत्मनिर्भर सेना द्वारा आयोजित किये गए इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षक देवकांत जी ने देबना बुजुर्ग पंचायत की 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया। आत्मनिर्भर सेना संगठन द्वारा शुरू की गई इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने की ट्रेनिंग भी दी गई।
आत्मनिर्भर सेना संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जी कहते है कि पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे पहले हमें यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा। इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से हमारा उद्देश्य जिले की सभी घरेलू महिलाओं को उद्यमी की तरह तैयार करके उन्हें समाज में अलग पहचान दिलाना है। नरेंद्र कुमार जी कहते हैं की जल्द ही यह प्रशिक्षण शिविर सीतामढ़ी जिले के सभी पंचायतों में आयोजित किया जाएगा जिससे सभी महिलाओं को आसानी से प्रशिक्षण लेने का अवसर प्राप्त हो।
नरेंद्र कुमार जी की संस्था आत्मनिर्भर सेना सीतामढ़ी जिले में पंचायत स्तर पर इस प्रशिक्षण शिविर का प्रचार करेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस प्रशिक्षण शिविर की जानकारी हो सके और साथ ही उन्हें इन कोर्स और इनसे जुड़े फायदों के बारे में जागरूक किया जा सकेगा। आत्मनिर्भर सेना के सदस्य जिले के सभी पंचायतों में इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करेंगे और घर घर जाकर महिलाओं को इस प्रशिक्षण केंद्र में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर में दिए गए प्रशिक्षण को पूरा करके महिलाएं घर बैठे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर पाएंगी। इसके अलावा आत्मनिर्भर सेना उन्हें लघु उद्योग स्थापित करने में सरकारी और आर्थिक सहायता भी करेगी।
आत्मनिर्भर सेना के द्वारा आयोजित किये गए इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को व्यवसाय स्थापना जैसी गतिविधियों से जोड़ना है। इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से हमारी संस्था आत्मनिर्भर सेना महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर लघु उद्योग स्थापित करने में उनकी सहायता करेगी साथ ही उन्हें लघु उद्योग स्थापना से जुड़े सभी तथ्यों की जानकारी भी प्रदान करेगी। इसके अलावा आत्मनिर्भर सेना महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए सरकार तथा NBFC केंद्रों के साथ मिलकर काम कर रही है।
इस प्रशिक्षण शिविर के तहत आत्मनिर्भर सेना संस्था ने जिले की 100 प्रतिशत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस 15 दिवसीय शिविर के माध्यम से जिले की सभी घरेलू महिलाएं जो अशिक्षित हैं उन्हें प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता की जायेगी।
नरेंद्र कुमार जी की संस्था आत्मनिर्भर सेना ने आत्मनिर्भर पंचायत मुहिम के तहत सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड में 100 प्रतिशत महिलाओं को लघु उद्योग स्थापना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत जिले के सभी पंचायतों में यह १५ दिवसीय शिविर का आयोजन किया जाएगा। आत्मनिर्भर सेना की सदस्य घर-घर जाकर घरेलू महिलाओं को इस प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी देंगे साथ ही उन्हें इस शिविर में भाग लेने के लिए प्रेरित भी करेंगे।
महिलाओ को इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। बिहार की 95 प्रतिशत महिलाओं के पास कोई रोजगार नहीं है। जो महिलाएं अपना कोई रोजगार शुरू करना भी चाहती है तो अवसरों की कमी के कारण वे ऐसा नहीं कर पाती। आत्मनिर्भर सेना महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए अब हर पंचायत में इस 15 दिवसीय शिविर का आयोजन करेगी जिससे घरेलू महिलाओं को भी उद्यमी बनने का अवसर मिलेगा।
आत्मनिर्भर सेना द्वारा आयोजित किये गए इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं को अगरबत्ती, पापड़, अदौरी, चिप्स, कपूर, मोमबत्ती आदि बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके साथ ही महिलाओं को लघु उद्योग स्थापना और संचालन की भी जानकारी दी गई थी। इस प्रशिक्षण को प्राप्त करके महिलाएं कपूर बनाना, मोमबत्ती निर्माण और अदौरी, चिप्स, पापड़ जैसे खाद्य पदार्थ बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
आत्मनिर्भर सेना ने सीतामढ़ी जिले में एक प्रशिक्षण केंद्र की भी शुरुआत की है। सरकार ने लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं जिस कारण अधिकतर युवा अपना व्यवसाय स्थापित करने का विचार कर रहे हैं लेकिन सही जानकारी के आभाव में नहीं कर पाते। आत्मनिर्भर सेना ने युवाओं तथा महिलाओं को इन लोन योजनाओं का लाभ उठाने और इनके प्रति जागरूक करने के लिए इस कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की है। इस कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में युवाओं को तकनीकी शिक्षा से लेकर सिलाई कढ़ाई तक का प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। शिक्षित युवाओं तथा महिलाओं को Computer, Tally और accounting जैसे कोर्स की ट्रेनिंग दी जायेगी। कंप्यूटर की शिक्षा में युवाओं को बेसिक कंप्यूटर के साथ साथ Tally, graphic designing, Data Entry और Freelance writing की ट्रेनिंग दी जायेगी। कोर्स की अवधि पूरी होने के बाद छात्रों को सर्टिफिकेट प्रदान किये जायँगे। जिससे युवा किसी भी कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी प्राप्त कर सकेंगे।
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