हिन्दराइज फाउंडेशन ने ग़रीब और निचले तबके के लोगों को सामाजिक दूरी बनाने के महत्व से रुबरु कराया। कोरोना वायरस से उपजी महामारी से लड़ने के लिए ख़ुद पर सोशल डिस्टेंसिंग का नियम लागू करना बेहद ज़रूरी हो गया है। दूसरों शब्दों में कह सकते हैं, इस वक्त सबसे बड़ी समाज सेवा है सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना।फ़िलहाल कोरोना के खिलाफ़ जंग में सोशल डिस्टेंसिंग इलाज के समान है। सामाजिक दूरी का वास्तविक अर्थ शारीरिक दूरी से है।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाना काफ़ी अहम हो गया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, हिन्दराइज फाउंडेशन के सदस्य सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता के बारे में जागरुकता फैला रहे हैं क्यूंकि इस महामारी की रोकथाम में ये दो हथियार कुछ हद तक कारगर हो सकते हैं। हिन्दराइज फाउंडेशन के सदस्यों ने लगातार उचित दूरी और स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए जो प्रयास किए हैं, उसके ही परिणामस्वरूप लोगों के जीवन में कोरोनावायरस महामारी के दौरान सुकून भरे पल आए हैं। यदि निकट भविष्य में संक्रमितों की तादाद कम भी हो जाती है, तो उसके बाद भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते रहना जरूरी होगा। व्यावसायिक, राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और व्यावहारिक कारकों के बीच सामंजस्य बिठाकर ही कोरोनावायरस पर काबु पाया जा सकता है।
हिन्दराइज फाउंडेशन के सदस्यों ने सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने वालों को समझाया कि ऐसा करके वो स्वयं का तो नुक़सान कर ही रहे और बड़ी संख्या में दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। कोविड-19 के खिलाफ़ देशव्यापी जंग में हिन्दराइज फाउंडेशन के सभी सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वक़्त की नजाकत को मद्देनजर रखते हुए हिन्दराइज फाउंडेशन के सूरमा कोरोनावायरस महामारी में देश के साथ खड़े हैं और राष्ट्रहित में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।